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आज के समय मे एंबिशियस वूमेन के अगर कोई पॉर्टनर है तोह वो सपोर्टिव है या फिर नही है।

अभी के समय मे डायवोर्स और सिंगल पेरेंट्स का रेशियो काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है अगर आप गौर फरमाए तोह लोग औरते अपने लिए आवाज उठा रही है जो की सबसे अच्छी बात है। क्यों की आज भी जब में अपनी दादी या कोई ज्यादा उम्र की औरतों से बात करती हु तोह वो मुझे बताती है की कैसे उनपे जुल्म हुआ करते थे उनके समय पर कैसे जब वो अपने पेरेंट्स को बताती तोह वो कहते बेटा वही तेरा घर है अब तुझे वही रहना है।

इंडिरेक्टली:_
"तू अपना देख ले हमे दुनिया की ज्यादा परवाह है।"

डायवोर्स और सिंगल पेरेंट्स के लिए एक ही वजह है अगर आप जिस रिलेशन मे हो फर्क नहीं पड़ता की आप मैरिड हो, गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड हो, लिव इन रिलेशनशिप मे हो फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है। अगर आप जिसके साथ हो वो आपको सपोर्ट नहीं करता तोह उस इंसान के साथ रह कर कोई फायदा नही है।

आपका जो पार्टनर होता है ना वो आपका बिगेस्ट सपोर्टर होना चाहिए क्यू की पूरी दुनिया मे वही है जो जनता है की आप अपने सपनो के लिए कितनी मेहनत कर रहे है। अगर वो ये जानते हुए भी आपको सपोर्ट नहीं करता है तोह आप एक गलत आदमी के साथ है।
इसलिए:

 आज के समय मे एंबिशियस वूमेन के अगर कोई पॉर्टनर है तोह वो सपोर्टिव है या फिर नही है।

अब औरते पहले की तरह नही रही है। वो आज अपना घर संभाल सकती है। अपनी जॉब या बिजनेस संभाल सकती है और जरूरत पड़ने पे देश को भी चला सकती है।



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