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Showing posts from September, 2021

इंडियन मीडिया का एक दायरा होना चाहिए।

इंडियन मीडिया जिस तरह से सेलिब्रिटी को कवर करता है उस से आपको क्या लगता है वो सही है। माना के वो एक पब्लिक फिगर है पर वो भी एक इंसान है उनमें भी इमोशन है। सिद्धार्थ शुक्ला की मौत के बाद मीडिया जिस तरह से न्यूज़ बना रही थी क्या वो ठीक है??? सुशांत सिंह राजपूत के समय मीडिया ने टीआरपी के लिए जिस तरह से न्यूज़ बनाई क्या वो सही था???  ऐसे ही जब इरफान पठान और ऋषि कपूर की मौत हुई मीडिया जिस तरह से उनके जलने की तस्वीर सोशल मीडिया पे वायरल हो रही थी क्या वो ठीक है । क्यों की वो एक सेलिब्रिटी हे या पब्लिक फिगर है इसका ये मतलब तोह नही की उनहे कोई प्राइवेसी नही मिलनी चाहिए उनकी हर चीज को न्यूज़ बना के परोसना सही है क्या??? जब किसी के करीबी की मौत होती है तो वो फैमिली पहले से ही इतने दर्द मे होती है ।वही मीडिया उन्हें दो पल का चेन नही देती । अगर सवाल करे तोह बोलेंगे ये हमारी जॉब हे या आपके फैन आपकी जलक देखना चाहते है। समझ नही आता किस तरह की सोच वाले समाज का हिस्सा है हम लोग।  "जहा इंसान तोह है लेकिन इंसानियत मर चुकी है।" सोशल मीडिया पे लोग कैसी कैसी कॉमेंट करते है ...

ज़िंदगी दो पल की।

मै अभी तक इस बात को मान नही पाई हु सिद्धार्थ सुकला इस दुनिया मे नही है। मुझे नोटिफिकेशन आया न्यूज चैनल का की मशहूर अभिनेता अब हमारे बीच नहीं रहे सिद्धार्थ का फोटो था एंड मुझे ऐसा लगा ये क्या बकवास न्यूज़ है। मैने सिर्फ़ इग्नोर किया और अपने काम मे लग गई। करीब एक बजे मैंने इंस्टाग्राम खोला तोह देखा सिद्धार्थ अब नही रहा। मै उसकी फैन थी इस बात का मुझे गर्व है। बिग बॉस मे सिर्फ वही एक ऐसा इंसान था जो रियल फेस था कोई सेलिब्रिटी जैसा एटीट्यूड नही था। वो जिंदगी से भरा हुआ था हमेशा हस्ता हुआ। उसकी मौत ने कुछ सिखाया है हम सब को जिंदगी बहोत अनप्रिडक्टिबल है। हम सालो की प्लानिंग करते है और हम ये भी नहीं जानते की कल हम सुबह उठेगै या नहीं। पता नही जिसको हम बाय बोल रहे है वो लास्ट बाय हो जाए। जितना हो सके उतना जीना सीखो जिंदा रहना ही ज़िंदगी नही है। जिंदगी की हर सांस को मेहसूस कर के जियो पता नही कब कोन सी सांस आखरी सांस बन जाए। ज़िंदगी ना आइस क्रीम की तरह है इसे आप खाओ या ना खाओ उसे कोई फर्क नहीं पड़ता वो तोह पिगलेगी ही। इसे अच्छा है खा लो और एंजॉय कर लो जब तक है। खत्म तोह हो जानी ही है।

आज के समय मे एंबिशियस वूमेन के अगर कोई पॉर्टनर है तोह वो सपोर्टिव है या फिर नही है।

अभी के समय मे डायवोर्स और सिंगल पेरेंट्स का रेशियो काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है अगर आप गौर फरमाए तोह लोग औरते अपने लिए आवाज उठा रही है जो की सबसे अच्छी बात है। क्यों की आज भी जब में अपनी दादी या कोई ज्यादा उम्र की औरतों से बात करती हु तोह वो मुझे बताती है की कैसे उनपे जुल्म हुआ करते थे उनके समय पर कैसे जब वो अपने पेरेंट्स को बताती तोह वो कहते बेटा वही तेरा घर है अब तुझे वही रहना है। इंडिरेक्टली:_ "तू अपना देख ले हमे दुनिया की ज्यादा परवाह है।" डायवोर्स और सिंगल पेरेंट्स के लिए एक ही वजह है अगर आप जिस रिलेशन मे हो फर्क नहीं पड़ता की आप मैरिड हो, गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड हो, लिव इन रिलेशनशिप मे हो फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है। अगर आप जिसके साथ हो वो आपको सपोर्ट नहीं करता तोह उस इंसान के साथ रह कर कोई फायदा नही है। आपका जो पार्टनर होता है ना वो आपका बिगेस्ट सपोर्टर होना चाहिए क्यू की पूरी दुनिया मे वही है जो जनता है की आप अपने सपनो के लिए कितनी मेहनत कर रहे है। अगर वो ये जानते हुए भी आपको सपोर्ट नहीं करता है तोह आप एक गलत आदमी के साथ है। इसलिए:   आज के समय मे एंबिशियस वूमेन के अग...